तो बिना चीरे के सिर, गले का ऑपरेशन कर रहे हैं रोबोट! रोबोटिक सर्जरी के फायदे
आमतौर पर हेड एवं नेक सर्जरी में बड़े चीरे लगाने पड़ते हैं लेकिन रोबोटिक सर्जरी में इसकी जरूरत नहीं होती.
मेडिकल फील्ड में लगातार आ रहे तकनीकी बदलावों के बीच रोबोटिक सर्जरी अब कई देशों में होने लगी है. भारत में भी इसके कई उदाहरण देखने को मिले हैं. रोबोटिक सर्जरी में विशेषज्ञता प्राप्त सर्जन मुश्किल सर्जरी के लिए रोबोट का इस्तेमाल कर रहे हैं. रोबोट की मदद से सर्जन बेहद सटीकता व निपुर्णता के साथ सर्जरी को सफलतापूर्वक कर पा रहे हैं. इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में रोबोटिक ईएनटी, हेड-नेक सर्जरी की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कल्पना नागपाल ने कहा कि रोबोट चिकित्सा जगत और सर्जरी का भविष्य हैं. आज रोबोट्स की मदद से हमें सर्जरी में बहुत अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. ये सर्जन की मदद करते हैं और मुश्किल सर्जरी को भी आसानी और सुरक्षा के साथ करने में मदद करते हैं. हालांकि भारत में अभी रोबोटिक सर्जरी कुछ ही जगह है लेकिन भविष्य में इसका चलन तेजी से बढ़ने की संभावना है."
इस राज्य में रोज भूख से होती है 92 बच्चों की मौत!
रोबोटिक सर्जरी में नहीं लगते चीरे
करीब 100 रोबोटिक सर्जरी कर चुकीं कल्पना ने कहा, "आमतौर पर हेड एवं नेक सर्जरी में बड़े चीरे लगाने पड़ते हैं लेकिन रोबोटिक सर्जरी में इसकी जरूरत नहीं होती. रोबोटिक सर्जरी के लिए सर्जन रोबोट को कमांड देता है और रोबोटिक आर्म्स इन कमांड को फॉलो करती हैं. सर्जन की कलाई, कंधे, कोहनी एक निश्चित सीमा तक ही घूम सकते हैं, जबकि रोबोटिक आर्म्स 360 डिग्री मूवमेन्ट कर सकती है. वे मरीज के शरीर के ऐसे हिस्सों तक आसानी से पहुंच सकती हैं जहां सर्जन के हाथ नहीं पहुंच पाते. रोबोटिक आर्म्स पांच मिलीमीटर जैसी छोटी सी जगह तक पहुंच कर भी मुश्किल सर्जरी को सफलतापूर्वक और पूरी सटीकता के साथ पूरा करती है."
खुलासा! 50 फीसदी असमय मौतों के पीछे होती है यह वजह और किसी को पता भी नहीं चलता...
अच्छा विकल्प है
उन्होंने कहा, "मेडिकल रोबोट मुश्किल और पारम्परिक सर्जरी के लिए बेहतरीन विकल्प है. इसका इस्तेमाल ओपन एवं लैप्रोस्कोपिक दोनों तरह की सर्जरियों की जगह किया जा सकता है. ट्रांसोरल (मुंह के जरिए) रोबोटिक सर्जरी मिनीमल इनवेसिव होती है. इसमें मरीज जल्दी ठीक हो जाता है और इसके साईड इफेक्ट्स भी कम होते हैं."
रामबाण है Physiotherapy, बिन दवा और सर्जरी कई रोगों को करती है फुर्र...
रोबोटिक ईएनटी सर्जरी के फायदे
रोबोटिक ईएनटी सर्जरी के फायदों के बारे में बताते हुए डॉ. कल्पना ने कहा, "रोबोटिक सर्जरी 10 गुना मैग्निफिकेशन के साथ 3 डी बाइनोकुलर विजन देती है; इसमें सॉफ्टवेयर फिल्टर्स की मदद से अंगुलियों के कंपन की संभावना खत्म हो जाती है, इसमें पीठ या कंधे को बेवजह घुमाने की जरूरत नहीं पड़ती."
अच्छी खबर: रीढ़ की सर्जरी में अब नहीं होगा उम्र की सीमा का बंधन
उन्होंने कहा, "मरीज भी सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होता है क्योंकि इसमें छोटा चीरा लगाया जाता है, जिसके कारण खून बहने की संभावना कम होती है. मरीज को खून चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती. मरीज को सर्जरी के बाद अस्पताल में कम समय के लिए रुकना पड़ता है, जिससे इलाज का खर्च भी कम हो जाता है. कॉस्मेसिस इसका एक और फायदा है जिसके चलते आज बड़ी संख्या में मरीज रोबोटिक सर्जरी का विकल्प चुन रहे हैं."
उन्होंने कहा कि हेड एंड नेक सर्जरी के ऐसे कई प्रकार हैं जिन्हें रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी की मदद से सफलतापूर्वक किया जा सकता है. रोबेटिक्स का इस्तेमाल सिर और गर्दन की इन बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है: खर्राटे और ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया, थॉयरॉइड सर्जरी, पैराथॉयरॉइड सर्जरी, नेक डाईसेक्शन, मुंह, ओरोफैरिंक्स और लैरिंक्स में ट्यूमर, रेकरेंट नैसोफेरिंजियल कैंसर, हीमेंजियोमा, लिंगुअल थॉयरॉइड, फ्लॉपी एपीग्लॉटिस, इलेंगोटेड स्टायलॉइड प्रोसेस (ईगल्स सिंड्रोम) और गले के निचले हिस्से में सिस्ट ट्रांसोरल. रोबोटिक सर्जरी आज ओरोफेरिंक्स एवं सुप्राग्लोटिस में कैंसर या नॉन-कैंसर ट्यूमर के इलाज के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है.
Face Transplant: आत्महत्या की कोशिश में गंवा दिया था चेहरा, अब मिली नई पहचान,देखें वीडियो
डॉ. कल्पना ने कहा कि ट्रांसोरल रोबोटिक सर्जरी के बाद जबड़ा, फीडिंग ट्यूब काटने की जरूरत नहीं होती, इसके अलावा पारम्परिक सर्जरी के विपरीत इसमें मरीज को खून चढ़ाने या ट्रैकियोस्टोमी की आवश्यकता भी नहीं होती.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
DoctorNDTV is the one stop site for all your health needs providing the most credible health information, health news and tips with expert advice on healthy living, diet plans, informative videos etc. You can get the most relevant and accurate info you need about health problems like diabetes, cancer, pregnancy, HIV and AIDS, weight loss and many other lifestyle diseases. We have a panel of over 350 experts who help us develop content by giving their valuable inputs and bringing to us the latest in the world of healthcare.