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इस Fitness Freak जनरेशन में भी 70% से ज्यादा लोगों की मसल्स हैं कमजोर

68 फीसदी भारतीयों में शरीर में प्रोटीन की मात्रा जरूरी स्तर से कम पाई गई, जिससे मांसपेशियों की सेहत खराब रही.

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देश में मध्यम आयु वाले 10 में से 7 लोगों की मांसपेशियों का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जबकि सक्रिय जीवनशैली के लिए यह महत्वपूर्ण है और यह संपूर्ण स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई. इनबॉडी ने सर्वेक्षण फ्रांस स्थित आईपीएसओएस वैश्विक बाजार शोध संस्था के सहयोग से किया किया है. यह शरीर संरचना विश्लेषण की अग्रणी कंपनी है. इस शोध में सामने आया है कि देश के 30 से 50 आयु वर्ग वाले 71 फीसदी से ज्यादा पुरुष व महिलाओं में मांसपेशियों का द्रव्यमान (मास) ज्यादा होने की जरूरत है.

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इसके अलावा 68 फीसदी भारतीयों में शरीर में प्रोटीन की मात्रा जरूरी स्तर से कम पाई गई, जिससे मांसपेशियों की सेहत खराब रही.

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शोधकर्ताओं ने कहा कि खराब मांसपेशीय मास की वजह से मांसपेशी के कार्य व उपापचय स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.

इस शोध दल ने दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, पटना और हैदराबाद सहित आठ भारतीय शहरों के 30 से 55 साल के बीच के 1,243 लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया.

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लखनऊ में सबसे ज्यादा पुरुषों और महिलाओं का खराब मांसपेशीय मास रहा. इसमें 82 प्रतिशत पुरुष और 80 प्रतिशत महिलाएं हैं.

दूसरी तरफ, दिल्ली-एनसीआर के लोगों में सबसे कम खराब मांसपेशीय मास रहा. इसमें 64 फीसदी पुरुष व महिला शामिल रहे.


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