देर से प्रेग्नेंट होने वाली महिलाओं की बेटियां नहीं बन पाती हैं मां: रिसर्च
मां की प्रजनन की उम्र न केवल खुद के लिए ही महत्वपूर्ण है, लेकिन यह बिना शक उनकी बेटी की प्रजनन क्षमता को निर्धारित करता है, बल्कि बेटियों के बांझ होने का अंदेशा भी रहता है.
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जमाना बदल रहा है. अब महिला हो या पुरुष दोनो ही पहले अपना करियर बनाते हैं और उसके बाद ही शादी या बच्चों के बारे में सोचते हैं. देर से मां बनने को अब पहले की तरह समाज में बुरा भी नहीं माना जाता. ज्यादातर वर्किेग महिलाएं अपनी नौकरी और सहुलियत के लिहाज से बच्चे प्लान करती हैं. जमाना बदल रहा है. पहले की तुलना में अब महिलाएं देर से प्रग्नेंट हो रही हैं. यहां तक कि अब तो महिलाएं अपने एग्स यानी अंडों को फ्रीज करके बाद में अपनी इच्छा के मुताबिक मां बन सकती हैं.
लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि जो महिलाएं ज्यादा उम्र में प्रेग्नेंट होती हैं उनकी बेटियों की प्रजनन क्षमता को काफी नुकसान पहुंच सकता है. एक रिसर्च में कहा गया है कि जो महिलाएं देर से मां बनती हैं, उनकी बेटियों में प्रजनन क्षमता प्रभावित होने का जोखिम ज्यादा रहता है. रिसर्च के रिजल्ट से पता चलता है कि महिलाओं की प्रजनन क्षमता उम्र के साथ घटती है, क्योंकि महिला के अंडों में आनुवांशिक दोष इकट्ठा होता जाता है.
'द गार्डियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, अंडों में बढ़ने वाला यह आनुवंशिक दोष महिला से उनकी बेटियों में पहुंच जाता है, जिससे उनके अंडे की गुणवत्ता कम होती है. महिलाओं के पिता की उम्र का हालांकि यहां कोई महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को नहीं मिलता.
रिपोर्ट ने अटलांटा में रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी एसोसिएट्स से पीटर नैगी के हवाले से बताया, 'मां की प्रजनन की उम्र न केवल खुद के लिए ही महत्वपूर्ण है, लेकिन यह निश्चित रूप से उनकी बेटी की प्रजनन क्षमता को निर्धारित करता है, बल्कि बेटियों के बांझ होने का अंदेशा भी रहता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'जब हम 40 की उम्र की आसपास की महिलाओं को गर्भवती बनने में मदद करते हैं, उसी दौरान उन बच्चों में बांझपन का जोखिम अधिक रहता है.'
रजोनिवृत्ति यानी कि Menopause की उम्र अलग-अलग होती है, लेकिन आम तौर पर यह 50 साल के करीब होता है. अगर कोई महिला Menopause के करीब होने के दौरान बच्चे को जन्म देती है तो उसकी बेटी की प्रजनन क्षमता प्रभावित होने की आशंका ज्यादा रहती है.
यह रिसर्च न्यू ओरलींस स्थित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में पेश किया गया था.
Input: IANS
लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि जो महिलाएं ज्यादा उम्र में प्रेग्नेंट होती हैं उनकी बेटियों की प्रजनन क्षमता को काफी नुकसान पहुंच सकता है. एक रिसर्च में कहा गया है कि जो महिलाएं देर से मां बनती हैं, उनकी बेटियों में प्रजनन क्षमता प्रभावित होने का जोखिम ज्यादा रहता है. रिसर्च के रिजल्ट से पता चलता है कि महिलाओं की प्रजनन क्षमता उम्र के साथ घटती है, क्योंकि महिला के अंडों में आनुवांशिक दोष इकट्ठा होता जाता है.
'द गार्डियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, अंडों में बढ़ने वाला यह आनुवंशिक दोष महिला से उनकी बेटियों में पहुंच जाता है, जिससे उनके अंडे की गुणवत्ता कम होती है. महिलाओं के पिता की उम्र का हालांकि यहां कोई महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को नहीं मिलता.
रिपोर्ट ने अटलांटा में रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी एसोसिएट्स से पीटर नैगी के हवाले से बताया, 'मां की प्रजनन की उम्र न केवल खुद के लिए ही महत्वपूर्ण है, लेकिन यह निश्चित रूप से उनकी बेटी की प्रजनन क्षमता को निर्धारित करता है, बल्कि बेटियों के बांझ होने का अंदेशा भी रहता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'जब हम 40 की उम्र की आसपास की महिलाओं को गर्भवती बनने में मदद करते हैं, उसी दौरान उन बच्चों में बांझपन का जोखिम अधिक रहता है.'
रजोनिवृत्ति यानी कि Menopause की उम्र अलग-अलग होती है, लेकिन आम तौर पर यह 50 साल के करीब होता है. अगर कोई महिला Menopause के करीब होने के दौरान बच्चे को जन्म देती है तो उसकी बेटी की प्रजनन क्षमता प्रभावित होने की आशंका ज्यादा रहती है.
यह रिसर्च न्यू ओरलींस स्थित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में पेश किया गया था.
Input: IANS
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