धड़कन अनियमित है तो स्मोकिंग छोड़ने से घट सकता है स्ट्रोक का खतरा: स्टडी
एक नए अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने कहा कि वह लोग जो आटरिअयल फिब्रिलेशन यानी (सबसे आम हृदय रिदम विकार) से जूझ रहे हैं धूम्रपान की आदत को खत्म कर अपने स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकते हैं. यह रिसर्च आज ईएसी कांग्रेस 2020 में प्रस्तुत की गई.

एक नए अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने कहा कि वह लोग जो एट्रियल फिब्रिलेशन यानी (सबसे आम हृदय रिदम विकार) से जूझ रहे हैं धूम्रपान की आदत को खत्म कर अपने स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकते हैं. यह रिसर्च आज ईएसी कांग्रेस 2020 में प्रस्तुत की गई.
यूरोप और अमेरिका में मिडल एज के चार में से एक को वयस्क में एट्रियल फाइब्रिलेशन देखने को मिलता है. इसके मुताबिक अगर अनुमान लगाया जाए तो साल 2030 तक यूरोपीय संघ में तकरीबन 17 मिलियन लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं. एट्रियल फाइब्रिलेशन वाले लोगों में स्ट्रोक होने की संभावना पांच गुना अधिक होती है. इन मामलों वाली महिलाओं में दो गुना और पुरुषों में 1.5 गुना मृत्यु का जोखिम होता है. एट्रियल फाइब्रिलेशन वाले मरीजों स्ट्रोक मौत का सबसे आम कारण होता है.
पिछले अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान करने वालों को एट्रियल फाइब्रिलेशन और बाद में स्ट्रोक विकसित होने की संभावना होती है. जहां कई स्ट्रोक के मामलों को ओरल दवाओं से रोक सकने में सफलता मिली, लेकिन एट्रियल फाइब्रिलेशन डाइग्नोज होने के बाद धूम्रपान बंद करने के प्रभाव पर बहुत ज्यादा डेटा मौजूद नहीं है.
इस अध्ययन में धूम्रपान बंद करने के बाद एट्रियल फाइब्रिलेशन के नए मामलों और स्ट्रोक के जोखिम और मृत्यु के सभी कारणों के बीच संबंध की जांच की गई. शोधकर्ताओं ने कोरियाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा सेवा डेटाबेस और राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्क्रीनिंग डेटाबेस का उपयोग किया. 40 वर्ष और उससे अधिक आयु के कोरियाई लोगों को सलाह दी जाती है कि वे हर दो साल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य जांच कराएं. टेक-अप दरें अधिक हैं: जैसे 2014 में 75 फीसदी की जांच की गई.
शोधकर्ताओं ने 2010 से 2016 तक 523,174 रोगियों की पहचान की, जिनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन के ताजा डाइग्नोज वाले मरीजों को शामिल किया गया. इस शोध में उन मरीजों को शामिल नहीं किया गया जो पहले ही स्ट्रोक से पीडित हों. अध्ययन में 97,637 रोगियों को शामिल किया गया था, जिन्होंने एट्रियल फाइब्रिलेशन के डाइग्नोज होने से कम से कम 2 साल पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य जांच कराई हो. और दो साल बाद दूसरी जांच हुई. साल 2017 के अंत से पहले स्ट्रोक या मृत्यु की घटना के मरीजों के दूसरे चैकअप का फॉलो अप किया गया.
इस शोध में 62 फीसदी औसत 61 वर्ष के पुरुष थे. प्रतिभागियों को एट्रियल फाइब्रिलेशन डाइग्नोज के पहले और बाद में धूम्रपान की स्थिति के अनुसार वर्गीकृत किया गया था: कभी धूम्रपान न करने वाले, पहले धूम्रपान करने वाले (डाइग्नोज से पहले छोड़ देने वाले), एक क्विटर (डाइग्नोज के बाद धूम्रपान बंद करने वाले), वर्तमान धूम्रपान करने वाले (डाइग्नोज करने से पहले और बाद में धूम्रपान करने वालों को शामिल किया गया) और डाइग्नोज के बाद शुरू करने वाले (नए धूम्रपान करने वाले). धूम्रपान करने वालों, पहले धूम्रपान करने वालों, छोड़ने वालों और वर्तमान धूम्रपान करने वालों का अनुपात क्रमशः 51.2%, 27.3%, 6.9% और 14.6% था.
तीन साल के मेडियन फॉलो अप, 3,109 स्ट्रोक और 4,882 ऑल-कारण मौतें हुईं (10.0 प्रति 1,000 व्यक्ति-वर्ष और क्रमशः 15.4 प्रति 1,000 व्यक्ति-वर्ष). वर्तमान धूम्रपान करने वालों की तुलना में, क्विटर्स में स्ट्रोक की 30 फीसदी कम संभावना थी और 16 फीसदी में मौत के सभी कारणों की संभावना कम हुई थी.
कभी धूम्रपान नहीं करने वालों के साथ तुलना में क्विटर्स उच्च जोखिम में रहे. स्ट्रोक और सभी कारण वाली मृत्यु के जोखिमों को क्रमशः 19 फीसदी और 46 फीसदी बढ़ा दिया गया था, लेकिन ये रिश्ता लगातार केवल पुरुषों में ही देखा गया. नए और लगातार धूम्रपान करने वालों में स्ट्रोक का अधिक खतरा था, उनकी तुलना में जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया था. नए धूम्रपान करने वालों के लिए, संभावना 84 फीसदी बढ़ गई थी और लगातार धूम्रपान करने वालों में यह 66 फीसदी बढ़ जाती है.
कोरिया के सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के अध्ययन लेखक डॉ. सो-रयौंग ली ने कहा "धूम्रपान से रक्त के थक्के बनने लगते हैं, जिससे स्ट्रोक हो सकता है, यही कारण हो सकता है कि धूम्रपान छोडने से जोखिम कम हो सकता है."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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