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क्या ये 4 मिथ, करते हैं आपको योग से दूर?

योग जीने का एक तरीका है। यह सिर्फ एक व्यायाम ही नहीं है, बल्कि इसे करने से शारीरिक तौर पर अंतर देखा जा सकता है। यही नहीं, योग दिमाग के साथ-साथ आत्मा को भी प्रभावित करता है। लेकिन योग को लेकर लोगों में असंख्य मिथ मौजूद हैं, जो लोगों को इससे दूर कर रहे हैं।

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योग जीने का एक तरीका है. यह सिर्फ एक व्यायाम ही नहीं है, बल्कि इसे करने से शारीरिक तौर पर अंतर देखा जा सकता है. यही नहीं, योग दिमाग के साथ-साथ आत्मा को भी प्रभावित करता है. यहां योग को लेकर लोगों में असंख्य मिथ मौजूद हैं, जो लोगों को इससे दूर कर रहे हैं. सही जानकारी की कमी, लोगों में व्यायाम को लेकर गलत धारणा उत्पन्न कर रहे हैं और इसी कारण लोग योग को अपनी रोजमर्रा की लिस्ट में शामिल नहीं कर पा रहे हैं. योग एक संपूर्ण अनुभव है. जब तक कोई योग करना शुरू नहीं करता, वह उसकी विधि को नहीं समझ सकता. मनुष्य शरीर से उसके संबंध, दिमाग और आत्मा पर पड़ने वाले बारीक प्रभाव आदि के बारे में जानने के लिए योग करना जरूरी है. अक्सर लोगों की यह धारणा होती है कि योग उन स्वस्थ लोगों के लिए ही होता है, जो शरीर में लचीलापन लाना चाहते हैं. यहां तक कि मैं भी आजतक नहीं समझ पाई कि यह शरीर के लिए कैसे फायदेमंद है. दूसरे लोगों की तरह मैं भी योग से संबंधित मिथ में भरोसा कर रही थी, और योग करने से परहेज करती थी, लेकिन योग को करीब से जानने के बाद अब यह मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है.

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योग शुरू करने से पहले इसे गहराई से जानने की कोशिश करें. योग के असंख्य तरीकों को जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि वह कैसे आपके शरीर को स्वस्थ बनाने में सहायता करता है. तनाव से लेकर वजन कम करने तक में यह सहायक है. यहां हम योग से संबंधित मिथ के बारे में जानेंगे.

अभ्यास के दौरान अपने पैर के अगुंठों को नहीं छू सकते, इसलिए योग लचीले और चुस्त लोगों के लिए है.
लोग अक्सर ऐसा सोचकर योग अपने रूटीन में शामिल नहीं करते हैं. ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि योग की शुरुआती क्लास शुरू करने से पहले वॉक पर जाएं. योग शक्ति, लचीलापन और संतुलन का मिश्रण है.

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मांसपेशियों को खोलने, लचीलापन बढ़ाने और आसन को सही ढंग से करने के लिए शक्ति का इस्तेमाल करें और संतुलन बनाएं. ऐसा करने से आप खुद को पहले से ज्यादा लचीला पाएंगे. हर किसी का शरीर योग से लचीला नहीं हो सकता, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों की मदद से आप सफलता जरूर पा सकते हैं.


हर किसी की जरूरत और शारीरिक क्षमता के अनुसार योगासन किए जा सकते हैं. बच्चों से लेकर, अधेड़ उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं आदि के लिए शुरुआती आसन मौजूद हैं. अभ्यास से ही इसके फायदों और लाभ को जाना जा सकता है.

1. योग लचीलापन लाने के लिए है, वजन कम करने के लिए नहीं

इस धारणा से पहले क्या आपने कभी किसी एक्सपर्ट से बात की? योग एक धीमा और शांत अभ्यास है, जो आपके शरीर, दिमाग और आत्मा को एक करता है. यह आपके कई भागों जैसे आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक भागों पर कार्य करता है. अलग-अलग तरह के आसन चुनौतीपूर्ण तो होते ही हैं, साथ ही, वह शरीर को भी थकाते हैं, लेकिन नियमित अभ्यास से आपको इनकी आदत पड़ जाएगी.

योग और फिटनेस एक्सपर्ट सीमा सोंधी का कहना है, 'योग में शरीर को घुमाना, आगे और पीछे की ओर मोड़ना, उलटना और अन्य आसन शामिल होते हैं, जो कि जंग लगी मांसपेशियों को खोलकर वजन घटाने में मदद करते हैं.'

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2. शरीर में दर्द और चोट के समय नहीं करना चाहिए योग


अमेरिकी नेशनल सेंटर का कहना है कि हाल ही में हुए अध्ययन से पता लगता है कि जो लोग पीठ और कमर के दर्द से जूझ रहे होते हैं, अगर वह सावधानी के साथ योगासन करें, तो उन्हें दर्द में राहत मिलती है और विभिन्न कार्यों जैसे चलने-फिरने की क्षमता में सुधार होता है.

अध्ययन से यह भी पता लगा कि योग के नियमित अभ्यास से कई दूसरे स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं जैसे- ह्रद्य दर का कम होना, रक्त प्रवाह, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलती है. 2011 में हुए अध्ययन से पता लगा कि 313 व्यस्क जो पीठ के दर्द से जूझ रहे थे, उन्हें योग कि 12 साप्ताहिक क्लास से ही इतना आराम मिला, जितना चिकित्सीय देखभाल से भी नहीं मिला. हालांकि योग में कई ऐसे आसन आते हैं, जिन्हें एक्सपर्ट की निगरानी में करना ठीक रहता है. अन्यथा, उनसे घातक चोटें लग सकती हैं.

3. योग के छोटे सत्र से कोई फायदा नहीं होगा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 18 से 64 साल के लोगों के लिए एक सप्ताह में 150 मिनट का अभ्यास काफी होता है. यह उच्च और मध्यम अभ्यास का संयोजन हो सकता है या फिर मध्यम गति से हफ्ते में पांच बार किया जा सकता है. यही नहीं, अगर आपके पास अभ्यास के लिए एक घंटा नहीं है, तो अपने सत्र को हफ्ते के हिसाब से बांट सकते हैं और योग का लाभ उठा सकते हैं.

हर एक सत्र आपके शरीर को अच्छे तरीके से बदलता है. यह एक घंटे का, छोटा या फिर 20 मिनट का सत्र भी हो सकता है. यहां तक की सुबह किया गया दस मिनट का सूर्य नमस्कार से भी अच्छा प्रभाव पड़ता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि सिर्फ 20 मिनट किए हथयोग से मस्तिष्क के कार्यों और याददाश में सुधार होता है.


4. योग सिर्फ सुबह के समय ही किया जाता है

अगर आपको लगता है कि योग एक अच्छा अभ्यास है, तो इसके लिए आपको सुबह-शाम देखने की जरूरत नहीं है. जी हां, आप अभी मैट निकाल कर योग कर सकते हैं. योग एक प्रकार का अनुशासन है. शरीर को अनुशासित करने और अपने दिमाग और आत्मा को एक साथ लाना ही योग है.

अक्सर किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि के लिए सुबह के समय की ही सलाह दी जाती है, लेकिन यह किसी भी तरह से जरूरी नहीं है. योग गुरू श्री सद्गुरू, जग्गी वासुदेव के अनुसार, 'योग सुबह-शाम करने वाला अभ्यास नहीं है. इसे करने का एक निश्चित तरीका है. एक बार योग करने के बाद, अगर कोई सुबह-शाम योग करता है, तो वह योग नहीं है, वह योग अभ्यास है.'

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