बढ़ रहा 'कीटो डाइट' का चलन, जानिए कौन इसे अपना सकता है और क्यों?
सुनिश्चित करें कि डाइट में कार्ब केवल 15 से 20%, 35% प्रोटीन और बाकी वसा होना चाहिए. कीटो में वसा का सेवन अधिक होता है, प्रोटीन की मात्रा मध्यम होती है और कर्ब्स सबसे कम. केटो डाइट में दलहन और अनाज से बचा जाना चाहिए.
अगर आप मोटे हैं या आपको अपना वजन ज्यादा लगता है, तो यकीनन आपने कभी न कभी कोई डाइट प्लान फॉलो किया होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि इन दिनों 'डाइट प्लान की दुनिया' में सबसे लोकप्रिय डाइट प्लान क्या है? नहीं पता, तो चलिए हम आपको बता देते हैं. आजकल लोगों में फिट रहने और वजन कम करने के लिए लोगों में 'कीटोजेनिक डाइट' की सनक चढ़ी हुई। हॉलीवुड के फेमस स्टार्स से लेकर बॉलीवुड की मशहूर हस्तियां इन दिनों 'कीटो डाइट' को ही फॉलो कर रही हैं इनमें हेले बेरी, कर्टनी कार्दशियां, करण जौहर और हुमा कुरैशी जैसे सितारे शामिल हैं. आमतौर पर इस डाइट में कम प्रोटीन के साथ कम कार्ब और उच्च वसायुक्त भोजन खाया जाता है. कीटो डाइट वजन घटाने के लिए काफी प्रभावी है, क्योंकि डाइट से कर्ब्स को हटाने से शरीर को केटोसिस की प्रक्रिया के माध्यम से वसा कम करने में मदद मिलती है.
वजन घटाने के लिए कौन अपना सकता है 'कीटो डाइट'?
डाइट कोच सपना पुरी बताती हैं कि कीटोजेनिक डाइट वे लोग अपना सकते हैं, जिनका वजन बेहद ज्यादा है. ऐसी डाइट अपनाने की सलाह ऐसे लोगों को दी जाती है, जिनका वजन 100 किलोग्राम से ज्यादा है. ऐसे लोगों को ये डाइट बताई जाती है, अत्याधिक वजन के कारण कई स्वास्थ्य समास्याओं से जूझ रहे होते हैं. सपना कहती हैं कि कीटोजेनिक डाइट शरीर से वसा और सूजन को कम करती है. इससे शरीर को शूगर के बजाय वसा कम करने में आसानी हो जाती है. आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जब हम शूगर को नहीं वसा को कम करते हैं, तो वजन तेजी से कम होता है और यही केटो डाइट करती है.
कीटो डाइट में कैसा भोजना शामिल है?
सपना जोर देकर इस बात को बताती हैं कि कीटो डाइट में सिर्फ हेल्दी फैट को शामिल किया जाता है. हेल्दी फैट में शुद्ध घी, चीज़, नारियल तेल और मूंगफली के तेल जैसे पदार्थों को शामिल किया जाता है.
कीटो डाइट की कमियां
कीटो डाइट तेजी से काम करती हैं. लेकिन सपना बताती हैं कि इस डाइट की सबसे बड़ी कमी इसका नीरस और उबाऊ होना है. वह कहती हैं, 'इसके उबाऊ होने की वजह से ही मैं लोगों को चक्रीय कीटो डाइट को लेने का सुझाव देती हूं. यह इसलिए भी किया जाता है कि लोग आवश्यक पोषक तत्वों से दूर ना हो जाएं और उनका शरीर तंत्र किसी भी कर्ब्स को अस्वीकार न करे. यदि हम पोषक तत्वों को बहुत दिन तक नहीं लेते हैं, तो हमारा शरीर इसका आदी हो जाता है. ऐसे में हमारा शरीर कर्ब्स को स्वीकार नहीं करता है. इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए चक्रीय कीटो डाइट की सलाह दी जाती है.
कीटो डाइट के समय रखें ये बातें ध्यान
सपना बताती हैं कि जब कोई कीटो का पालन करता है, तो सुनिश्चित करें कि डाइट में कार्ब केवल 15 से 20%, 35% प्रोटीन और बाकी वसा होना चाहिए. कीटो में वसा का सेवन अधिक होता है, प्रोटीन की मात्रा मध्यम होती है और कर्ब्स सबसे कम. केटो डाइट में दलहन और अनाज से बचा जाना चाहिए. सपना कहती हैं कि कीटो डाइट के तहत कोई दाल नहीं खाई जाती, लेकिन कुछ बींस को शामिल किया जा सकता है. वह सुझाव देती हैं कि केटो डाइट में केवल प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है. इसमें कद्दू, बैंगन और पत्तेदार जैसी सब्जियां शामिल हैं. मटन, चिकन, मछली और अंडे भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं.
क्यों लोकप्रिय हो रही कीटो डाइट
कीटो डाइट इसलिए लोकप्रिय हो रही है, क्योंकि इसके जरिए तेजी से वजन घटाया जा सकता है और इसके दुष्प्रभाव भी बहुत कम हैं. आमतौर पर कीटो डाइट अपनाने वाले लोग सिर्फ तीन महीने में 10 से 12 किलोग्राम वजन घटा सकते हैं. सपना बताती हैं कि डाइट वही अपनानी चाहिए, जो आपके शरीर के लिए उपयुक्त हो. कम समय में ज्यादा वजन घटाना शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है.
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