हार्ट अटैक से बचा सकता है सरसों का तेल, जानें फायदे
सरसों का तेल दिल के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें एमयूएफए और पीयूएफए के साथ ही ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसा अम्ल होते हैं.
Advertisement
Story Highlights
सरसों का तेल दिल के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें एमयूएफए और पीयूएफए के साथ ही ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसा अम्ल होते हैं. ये उपयुक्त वसा हृदय रोगों के विकास के जोखिम को कम करते हैं और यह एक बेहद शक्तिशाली प्राकृतिक उत्तेजक है, जो पाचन में सुधार करता है और पाचन रसों को तैयार करने में मदद कर भूख बढ़ाता है.
भारतीय रसोई में खाना बनाने के लिए हमेशा से सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता रहा है. सरसो का तेल न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ा देता है बल्कि यह आपको दिल की बीमारियों से भी दूर रखता है. दरअसल, इस तेल में भरपूर मात्रा में मोनोअनसैचुरेटिड फैट और पॉलीअनसैचुरेटिड फैट पाया जाता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करते हैं और अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं, ताकि कोलेस्ट्रॉल का बैलेंस बना रहे. इससे दिल भी हेल्दी बना रहता है और सही तरीके से काम करता है.
शेफ अरुण सुंदरराज ने बताया, "सरसों का तेल एक जीवाणुरोधी, वायरसरोधी और फंफूद रोधी एजेंट के रूप में भी अच्छी तरह काम करता है और पाचन तंत्र में बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है."
उन्होंने कहा, "स्वाद के हिसाब से, सरसों का तेल ज्यादातर लोगों को पसंद है. तीखे स्वाद के कारण सरसों का तेल किसी भी पकवान का स्वाद जबरदस्त तरीके से बढ़ा देता है. मेरा मानना है कि कोई अन्य घटक इसके जैसा नहीं है. ताज महल होटल, नई दिल्ली में हम सरसों के तेल का उपयोग मस्टर्ड प्रॉन्स और भट्टी मुर्ग जैसे व्यंजनों में करते हैं."
सुंदरराज कहते हैं, "यह सलाह दी जाती है कि सरसों के तेल को खाना पकाने के लिए एकमात्र माध्यम के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और इसके बजाय आप व्यंजन के आधार पर विभिन्न तेलों के संयोजन का उपयोग कर सकते हैं. सरसों के तेल का स्मोकिंग पॉइंट ज्यादा होता है, इसलिए यह डीप फ्राइंग के लिए आदर्श है."
वहीं,दूसरे शेफ सोनू कोइथारा का भी सरसों तेल के बारे में कुछ ऐसी ही राय है. उनका कहना है कि सरसों तेल का खाना बनाने के साथ-साथ चिकित्सा उपयोग भी है. ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसा अम्ल के सर्वोत्तम अनुपात और संतृप्त वसा की कम मात्रा के कारण अन्य तेलों से यह बेहतर है. इसमें करीब 60 फीसदी मोनोसैचुरेटिड वसा (एमयूएफए), साथ ही पॉलीअनसैचुरेटिड वसा (पीयूएफए), और संतृप्त वसा होती है. ये वसा अम्ल 'उपयुक्त वसा' माने जाते हैं."
उन्होंने एक शोध के हवाले से कहा, "सरसों के तेल में कैंसर से लड़ने वाले तत्व काफी अधिक होते हैं और इसमें भारी मात्रा में लिनोलिनिक एसिड होता है, जो ओमेगा-3 वसा अम्ल में परिवर्तित हो जाता है और कैंसर को रोकने में मदद करता है."
पी मार्क सरसों के तेल के निर्माता पुरी ऑयल मिल्स लिमिटेड के डीजीएम (कॉपोर्रेट कम्युनिकेशंस) उमेश वर्मा ने कहा, "पारंपरिक भारतीय व्यंजनों में सरसों के तेल का उपयोग रसोइए कई पीढ़ियों से करते आ रहे हैं, जो कश्मीर, पंजाब और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है, क्योंकि यह भोजन का स्वाद बढ़ा देता है."
वह कहते हैं, "भारतीय लोग जिस भी देश में जाते हैं, वहां वे भारत का स्वाद पसंद करते हैं, और उन देशों में वे अपने पसंदीदा ब्रांड ढूंढ़ते रहते हैं. हमें अपने सरसों तेल के अमेरिका और विभिन्न यूरोपीय शहरों में उपलब्ध होने की खबरें मिलती रहती हैं."
क्या कोई खाद्य पदार्थ है, जो खासतौर से केवल सरसों तेल में ही पकाया जा सकता है?
सुंदरराज ने कहा कि यह तेल अपने बहुमुखी गुणों के कारण भारतीय घरों के लिए सर्वश्रेष्ठ है, और यह भारतीय मसाले का पूरक है, जो हमारे भोजन के स्वादों को खूबसूरती से उभारता है.
सुंदरराज ने कहा, "जबकि सरसों का तेल शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही व्यंजनों का पूरक है, लेकिन सभी तरह के अचार का स्वाद सरसों तेल में सबसे बेहतर होता है. इसके अलावा सरसों का तेल नींबू और शहद के साथ एक सलाद ड्रेसिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है."
उन्होंने कहा, "इसके अलावा बंगाली भोजन में खासतौर से बहुत सारे मछली के व्यंजनों में सरसों का इस्तेमाल अपरिहार्य है, जिसमें सरसों बाटा माछ, पटुरी मछली और अन्य व्यंजन जैसे मांगसाओ (मटन), मुर्गीर झोल (चिकन) शामिल हैं. इन व्यंजनों का स्वाद तभी उभर कर आता है, जब उसे सरसों के तेल में पकाया जाता है."
कोइथारा के अनुसार, "बंगाली भोजन में सरसों के तेल का अत्यधिक उपयोग होता है, जो बंगाली स्वाद का पूरक है. शोरशे बाटा इलिश और चिंगरी भापा जैसे खाद्य पदार्थ सरसों तेल के प्रचुर उपयोग के बिना इतने स्वादिष्ट बन ही नहीं सकते."
Input: IANS
भारतीय रसोई में खाना बनाने के लिए हमेशा से सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता रहा है. सरसो का तेल न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ा देता है बल्कि यह आपको दिल की बीमारियों से भी दूर रखता है. दरअसल, इस तेल में भरपूर मात्रा में मोनोअनसैचुरेटिड फैट और पॉलीअनसैचुरेटिड फैट पाया जाता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करते हैं और अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं, ताकि कोलेस्ट्रॉल का बैलेंस बना रहे. इससे दिल भी हेल्दी बना रहता है और सही तरीके से काम करता है.
शेफ अरुण सुंदरराज ने बताया, "सरसों का तेल एक जीवाणुरोधी, वायरसरोधी और फंफूद रोधी एजेंट के रूप में भी अच्छी तरह काम करता है और पाचन तंत्र में बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है."
उन्होंने कहा, "स्वाद के हिसाब से, सरसों का तेल ज्यादातर लोगों को पसंद है. तीखे स्वाद के कारण सरसों का तेल किसी भी पकवान का स्वाद जबरदस्त तरीके से बढ़ा देता है. मेरा मानना है कि कोई अन्य घटक इसके जैसा नहीं है. ताज महल होटल, नई दिल्ली में हम सरसों के तेल का उपयोग मस्टर्ड प्रॉन्स और भट्टी मुर्ग जैसे व्यंजनों में करते हैं."
सुंदरराज कहते हैं, "यह सलाह दी जाती है कि सरसों के तेल को खाना पकाने के लिए एकमात्र माध्यम के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और इसके बजाय आप व्यंजन के आधार पर विभिन्न तेलों के संयोजन का उपयोग कर सकते हैं. सरसों के तेल का स्मोकिंग पॉइंट ज्यादा होता है, इसलिए यह डीप फ्राइंग के लिए आदर्श है."
वहीं,दूसरे शेफ सोनू कोइथारा का भी सरसों तेल के बारे में कुछ ऐसी ही राय है. उनका कहना है कि सरसों तेल का खाना बनाने के साथ-साथ चिकित्सा उपयोग भी है. ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसा अम्ल के सर्वोत्तम अनुपात और संतृप्त वसा की कम मात्रा के कारण अन्य तेलों से यह बेहतर है. इसमें करीब 60 फीसदी मोनोसैचुरेटिड वसा (एमयूएफए), साथ ही पॉलीअनसैचुरेटिड वसा (पीयूएफए), और संतृप्त वसा होती है. ये वसा अम्ल 'उपयुक्त वसा' माने जाते हैं."
उन्होंने एक शोध के हवाले से कहा, "सरसों के तेल में कैंसर से लड़ने वाले तत्व काफी अधिक होते हैं और इसमें भारी मात्रा में लिनोलिनिक एसिड होता है, जो ओमेगा-3 वसा अम्ल में परिवर्तित हो जाता है और कैंसर को रोकने में मदद करता है."
पी मार्क सरसों के तेल के निर्माता पुरी ऑयल मिल्स लिमिटेड के डीजीएम (कॉपोर्रेट कम्युनिकेशंस) उमेश वर्मा ने कहा, "पारंपरिक भारतीय व्यंजनों में सरसों के तेल का उपयोग रसोइए कई पीढ़ियों से करते आ रहे हैं, जो कश्मीर, पंजाब और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है, क्योंकि यह भोजन का स्वाद बढ़ा देता है."
वह कहते हैं, "भारतीय लोग जिस भी देश में जाते हैं, वहां वे भारत का स्वाद पसंद करते हैं, और उन देशों में वे अपने पसंदीदा ब्रांड ढूंढ़ते रहते हैं. हमें अपने सरसों तेल के अमेरिका और विभिन्न यूरोपीय शहरों में उपलब्ध होने की खबरें मिलती रहती हैं."
क्या कोई खाद्य पदार्थ है, जो खासतौर से केवल सरसों तेल में ही पकाया जा सकता है?
सुंदरराज ने कहा कि यह तेल अपने बहुमुखी गुणों के कारण भारतीय घरों के लिए सर्वश्रेष्ठ है, और यह भारतीय मसाले का पूरक है, जो हमारे भोजन के स्वादों को खूबसूरती से उभारता है.
सुंदरराज ने कहा, "जबकि सरसों का तेल शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही व्यंजनों का पूरक है, लेकिन सभी तरह के अचार का स्वाद सरसों तेल में सबसे बेहतर होता है. इसके अलावा सरसों का तेल नींबू और शहद के साथ एक सलाद ड्रेसिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है."
उन्होंने कहा, "इसके अलावा बंगाली भोजन में खासतौर से बहुत सारे मछली के व्यंजनों में सरसों का इस्तेमाल अपरिहार्य है, जिसमें सरसों बाटा माछ, पटुरी मछली और अन्य व्यंजन जैसे मांगसाओ (मटन), मुर्गीर झोल (चिकन) शामिल हैं. इन व्यंजनों का स्वाद तभी उभर कर आता है, जब उसे सरसों के तेल में पकाया जाता है."
कोइथारा के अनुसार, "बंगाली भोजन में सरसों के तेल का अत्यधिक उपयोग होता है, जो बंगाली स्वाद का पूरक है. शोरशे बाटा इलिश और चिंगरी भापा जैसे खाद्य पदार्थ सरसों तेल के प्रचुर उपयोग के बिना इतने स्वादिष्ट बन ही नहीं सकते."
Input: IANS
DoctorNDTV is the one stop site for all your health needs providing the most credible health information, health news and tips with expert advice on healthy living, diet plans, informative videos etc. You can get the most relevant and accurate info you need about health problems like diabetes, cancer, pregnancy, HIV and AIDS, weight loss and many other lifestyle diseases. We have a panel of over 350 experts who help us develop content by giving their valuable inputs and bringing to us the latest in the world of healthcare.
Advertisement