PCOD Or PCOS से परेशान, तो न्यूट्रिशनिष्ट लवनीत बत्रा के बताए इस डाइट प्लान को करें फॉलो
PCOD Or PCOS Management: पीसीओडी या पीसीओएस वाले लोगों के लिए पोषण विशेषज्ञ लवनीत बत्रा ने डाइट से संबंधित परिवर्तनों के बारे में बताया जिन्हें उन्हें फॉलो करने की जरूरत है.
Diet Plan For PCOD Or PCOS: पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक हार्मोनल विकार है जो दुनिया भर में कई महिलाओं में आम है. इन स्थितियों के साथ रहने वाली महिलाओं को अपने आहार और जीवन शैली के बारे में बेहद सावधान रहना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने इंस्टाग्राम पर डाइट से जुड़े कुछ टिप्स शेयर किए. उन्होंने पोस्ट को कैप्शन दिया, "पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक एंडोक्राइन डिसऑर्डर है जो लगभग 6.5% प्रजनन आयु की महिलाओं में पाया जाता है और यह आमतौर पर मोटापे, मासिक धर्म की अनियमितता, बांझपन, इंसुलिन रेजिस्टेंट (आईआर), और क्लिनिकल हाइपरएंड्रोजेनिज्म और से जुड़ा होता है.
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उन्होंने कहा कि पीसीओएस आहार इस स्थिति को मैनेज करने के तरीकों में से एक है. इसमें उन फूड्स पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है जो शुगर और फैट या ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम हैं, ग्लूटेन या डेयरी से परहेज करते हैं.
लवनीत बत्रा ने क्या सुझाव दिया है:
1) हाई फाइबर डाइट पर ध्यान दें: इस स्थिति में आपको अपने फाइबर सेवन का बारीकी से निरीक्षण करना चाहिए. फाइबर से भरपूर फूड्स को अधिक शामिल करें. मौसमी फल और सब्जियां, साबुत अनाज और दाल अधिक खाएं. ऐसा इसलिए है क्योंकि फाइबर पाचन को धीमा कर देता है जो इंसुलिन रेजिस्टेंट का मुकाबला करने में प्रभावी होता है. इसके अलावा यह आंत के स्वास्थ्य को सपोर्ट करता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है. प्रति दिन कम से कम 35-40 ग्राम फाइबर लें.
2) हेल्दी फैट शामिल करें: आपको अपने आहार में अच्छी मात्रा में स्वस्थ वसा की जरूरत होती है. हेल्दी फैट के कम से कम तीन से चार सर्विंग्स का सेवन करें. यह न केवल आपको भोजन के बाद अधिक संतुष्ट महसूस करने में मदद करेगा बल्कि वजन घटाने और पीसीओएस के लक्षणों से भी निपटने में मदद करेगा. लवनीत बत्रा भीगे हुए मेवे, भुने हुए बीज, एवोकाडो, जैतून का तेल, घी, नारियल तेल खाने की सलाह देती हैं.
3) अधिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन प्राप्त करें: अपने प्रोटीन सेवन का ध्यान रखें. 60-80 ग्राम प्रोटीन का सेवन करने से ग्लूकोज लोड के प्रति ग्लूकोज और इंसुलिन प्रतिक्रिया में सुधार होता है. लवनीत बत्रा ने कहा, "यह तृप्ति की भावनाओं को भी बढ़ाता है और पोस्टप्रैन्डियल थर्मोजेनेसिस को बढ़ाने के साथ-साथ पेट की चर्बी कम करने में योगदान दे सकता है." प्लांट बेस्ड प्रोटीन के कुछ अच्छे उदाहरणों में दाल छोले, ऐमारैंथ, बीन्स, मेवा और बीज शामिल हैं.
यहां देखिए लवनीत बत्रा का वीडियो: