Thalassaemia

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Thalassaemia को
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Thalassaemia

थैलेसीमिया एक ऐसा रोग है, जो आमतौर पर बच्चे में जन्म से ही होता है. यह एक वंशानुगत रोग यानी हेरेडिटरी है.

क्या है 

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थैलेसीमिया दो प्रकार का होता है. एक माइनर थैले‍सीमिया और दूसरा मेजर थैलेसीमि‍या. 

प्रकार

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...वाले बच्चों में खून कभी भी सामान्य के स्तर तक नहीं पहुंच पाता यह हमेशा कम रहता है, लेकिन ये स्वस्थ जीवन जी लेते हैं.

माइनर थैलेसीमिया...

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...मुश्किल बड़ी मेजर थैलेसीमिया वाले बच्चों के लिए होती है. उन्हें लगभग हर 21 दिन या हर महीने खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है.

वहीं...

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यह माता पिता के क्रोमोजोम पर निर्भर होता है. मां-पिता में से एक के क्रोमोजोम खराब होने पर बच्चे में माइनर थैलेसीमिया की संभावना बढ़ती है. 

कैसे होता है

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मां और पिता दोनों के ही क्रोमोजोम खराब हों, तो यह मेजर थैलेसीमिया की स्थिति पैदा कर देता है. ऐसे बच्चों को हर 20 से 21 दिन में खून चढ़ाना पड़ता है.

कैसे होता है

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रेड ब्लड सेल्स की उम्र तकरीबन 120 दिन होती है, लेकिन थैलेसीमिया के मरीजों में यह करीब-करीब 20 दिन में ही ब्रेक हो जाते हैं.

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माता या पिता में से किसी एक को भी मेजर थैलेसीमिया या दोनों को माइनर थैलेसीमिया है, तो वे डॉक्टरी निगरानी में बच्चा प्लान करें. 

बचा कैसे जाए

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शादी से पहले लड़का और लड़की को अपने ब्लड टेस्ट करवा कर यह सुनिश्च‍ित करना चाहिए कि वे दोनों ही माइनर थैलेसीमिया से पीडि़त न हों.

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यह लेख केवल आम जानकारी के लिए है. अधिक जानकारी के लिए व‍िशेषज्ञ से मिलें. 

नोट

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