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क्या होता है...?
कैल्शियम डिपॉज़िट उस स्थिति को कहा जाता है, जब शरीर के टिशू में कैल्शियम इकट्ठा हो जाता है.
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इकट्ठा हुआ कैल्शियम रक्त के ज़रिये ट्रांसफर होता है. वह जहां रुकता या जमता है, वहां सिस्ट बनकर शरीर की सामान्य क्रियाओं में बाधा बनता है.
यूं पहुंचाता है नुकसान
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इससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत होने लगती है. यह नर्वस सिस्टम को हिट कर सकता है और शरीर के क्रियाकलाप में बाधा डाल सकता है.
क्या हैं साइट इफेक्ट...?
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कैल्शियम की ज़्यादा मात्रा फॉस्फेट के साथ मिलकर ऐसा केमिकल बनाती है, जो हड्डियों को अत्यधिक कठोर बनाकर भुरभुरा कर देता है, जो आसानी से टूट सकती हैं.
हड्डियों पर प्रभाव
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कैल्शियम की अधिकता से कैल्सेमिया रोग का खतरा बढ़ता है, जिसमें पैराथाइरॉइड नाम की ग्रंथि प्रभावित होती है और उसके क्रियान्वयन में समस्या हो सकती है.
क्या हो सकते हैं नुकसान...?
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आवश्यकता से अधिक कैल्शियम किडनी में स्टोन पैदा कर सकता है. इतना ही नहीं, यह ब्रेन डैमेज के लिए ज़िम्मेदार भी हो सकता है.
किडनी स्टोन का खतरा
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अपनी जीवनशैली में बदलाव कर आप इससे बच सकते हैं. सक्रिय जीवनशैली, प्यूरिन वाली सब्ज़ियों, जैसे - पालक और टमाटर, का सेवन कम करें.
कैसे करें बचाव...?
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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के विशेषज्ञ से परामर्श करें.
नोट
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