फ्रिजिडिटी या ठंडा हो जाना एक ऐसी अवस्था है जिसमें महिला यौन उत्तेजना हासिल करने में नाकाम रहती हैं. ऐसी अवस्था में संभव है कि वह यौन संबंध बनाने के लिए जरूरी इच्छा, उत्तेजना जाहिर करने में असफल रहें.
ऐसा तब होता है जब महिला का साथी उसकी शारीरिक और भावानात्मक जरूरतों को पूरा करने में नाकाम रहे.
अधिकांश मामलों में पाया गया है कि महिला और पुरुष के बीच का संवाद अंतर इसका मुख्य कारण है. महिलाएं सेक्स को केवल एक शारीरिक संबंध की तरह नहीं देखती. उनके लिए ये शरीर से बढ़कर एक भावानात्मक जुड़ाव है. जैसे ही रिश्ते में ये भावनात्मकता टूटेगी इसका असर सेक्स लाइफ पर पड़ना तय है.
जैसे चिंता मर्दों के लिए premature ejaculation, erectile dysfunction और ejaculatory problems का कारण बन सकती है वैसे ही औरतों में ये यौन उत्तेजना की कमी के रूप में उभरता है. अवसाद से जूझ रही महिलाओं में भी इसकी कमी पायी जाती है
ये भी हो सकता है कि शिक्षा के अभाव में महिला को बर्थ कंट्रोल के बारे में ठीक जानकारी ना हो और वो गर्भ ठहरने के डर के मारे सेक्स से घबरा रही हो.
कुछ महिलाएं जो रूढ़ीवादी विचारों से ताल्लुक रखती हों या फिर किसी सख्त धार्मिक धड़े से संबंध रखती हों जहां उन्हें सेक्स से परहेज करना ही सिखाया गया हो. तो ऐेसे में ये निश्चित है कि उनका साथी कभी उन्हें उत्तेजित नहीं कर सकता.
कुछ महिलाएं खास तौर पर नई शादीशुदा महिलाएं इसलिए इससे परहेज करती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें काफी दर्द होता है. जो शुरुआती दौर में होना लाजमी है (कई मामलों में नहीं भी होता). इसके अलावा कई महिलाओं को एड्स जैसे यौन संचारित रोगों का डर रहता है.
महिलाओं में सेक्स की इच्छा उम्र के साथ भी घटती है. खासतौर पर मासिक धर्म के बंद होने के बाद. ऐसा मुख्य तौर पर एस्ट्रोजन लेवल के घटने और पीरियड्स से जुड़ी अन्य समस्याओं के कारण होता है.
गर्भाशय को निकलवाने के लिए करवाई गई या फिर अन्य किसी प्रकार की सर्जरी के कारण भी महिलाएं सेक्सुअली परफार्म करने में असमर्थ हो जाती है.
बचपन में बलात्कार या किसी शारीरिक शोषण जैसी मानसिक तौर पर डरा देने वाली किसी परिस्थिति से सामना होने के कारण भी महिलाएं सेक्स इंजॉय नहीं कर पाती.