गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. स्ट्रेचिंग से मांसपेशियां लचीली होती हैं. स्ट्रेचिंग करने से प्रसव के समय लाभ होता है. यह नेचुरल डिलीवरी की संभावना को बढ़ाता है.
हर गर्भावस्था अलग होती है, इसलिए कोई भी व्यायाम करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
गर्भावस्था में सबसे ज्यादा दर्द या सूजन आपके पैरों पर आती है. इसकी वजह है अचानक से शरीर का बढ़ा वजन
पैरों को आराम देने के लिए दोनों पैरों में आगे पीछे की तरफ कम से कम दो फीट की दूरी पर रखें. दोनों पंजे एक ही दिशा में हों. अब अगले पैर पर वजन डालें. इसके बाद आगे की ओर झुकें. दोनों पैरों के साथ इस व्यायाम को चार से पांच बार करें.
अगर आप गर्भवती हैं और घर का काम या दफ्तर का काम आपको करना होता है, तो यकीनन आपके कंधों में दर्द या तनाव रहता होगा.
गर्भावस्था के दौरान शरीर में वैसे ही बहुत तनाव व थकान होती है. ऐसे में अगर आप स्ट्रेचिंग करेंगी, तो यह आपको बहुत राहत देगा.
अपने सिर को झुकाएं. फिर सिर को सीधे हाथ के कंधे की ओर घुमाएं. अब वापस सिर को बीच में लाएं. इसके बाद सिर को सीधे कंधे की तरफ घुमाएं. इस व्यायाम को तीन-चार बार करें.
कंधों को आगे की ओर झुकाएं. फिर ऊपर की ओर उठाएं अपने कानों की तरफ लाएं, फिर पीछे की तरफ नीचे झुकाएं.
हाथों की मुट्ठी बना कर कलाईयों का व्यायाम करना भी बेहतर रहता है. गर्दन को गोल-गोल घुमाना, कंधों को ऊपर नीचे करते रहना और वॉक करना भी गर्भावस्था में अच्छा माना गया है.