जनवरी तक के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल लगभग एक लाख स्तन कैंसर के मामलों का इज़ाफा हो रहा है. एक रिसर्च में पता चला है कि इस कैंसर की एक वजह बढ़ना वज़न भी हो सकता है.

यह अनुवांशिक भी हो सकता है, तो अगर आपके परिवार में पहले किसी को कैंसर रहा है तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.

वो महिलाएं जिनके मासिक धर्म 12 साल की उम्र से पहले शुरू हुए हों और 55 साल के बाद बंद हुए हों को ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है.

वो औरतें जिनको बच्चे नहीं हुए हों या तीस साल की उम्र के बाद हुए हों उनमें भी इसका खतरा ज्यादा होता है.

एक अनुसंधान में पाया गया कि सामान्य बीएमआई के बावजूद शरीर में संपूर्ण वसा में हर पांच किलोग्राम की वृद्धि पर ईआर स्तन कैंसर का खतरा 35 फीसद बढ़ जाता है.

इसके अलावा बहुत ज्यादा शराब पीना, कम व्यायाम करना भी breast cancer के खतरे को बढ़ाते हैं.

वातावरण का भी आपकी सेहत पर असर ड़ालता है. अगर आप हानिकारक वातावरण में रहते हैं, स्मोकिंग करती हैं तो यह खतरनाक हो सकता है.

शरीर का वजन काबू में रखें: सक्रिय जीवन जीएं. अधिक वजन या मोटापे से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. रोजाना लगभग 30 मिनट व्यायाम अवश्य करें.

शराब का सेवन कम करें: शराब से स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. यदि आदी हों तो दिन में एक पैग से अधिक न लें, क्योंकि शराब की कम मात्रा से भी खतरा रहता है.

तनाव से बचें: यह प्रतिरक्षा को कमजोर करता है और शरीर के रक्षा तंत्र को बिगाड़ता है. योग अभ्यास, गहरी सांस लेने और व्यायामक रने से लाभ होता है.

हार्मोन थेरेपी को कम करें: हार्मोन थेरेपी की अवधि तीन से पांच साल तक होने पर स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. सबसे कम खुराक का प्रयोग करें जो आपके लिए प्रभावी है. आप कितना हारमोन लेते हैं इसकी निगरानी डॉक्टर खुद करे तो बेहतर होगा.