अस्थमा अटैक की वजह से खांसी, सीने में जकड़न, और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. अस्थमा का दौरा तब पड़ सकता है जब आप घर की धूल मिट्टी और तंबाकू के धुएं जैसी चीजों के संपर्क में आते हैं. इनहेलर्स का उपयोग करके इसे रोका जा सकता है.
धूम्रपान: जो लोग सिगरेट पीते हैं उन्हें अस्थमा होने की संभावना अधिक होती है. एक्टिव और पैसिव स्मोकिंग दोनों ही खांसी को और ज्यादा बदतर बनाते हैं.
धूल: आपके आस-पास के वातावरण में धूल के कण, ठंडी हवा, तापमान में बदलाव, नमी, खराब मौसम, बायोमास धुआं, भी अस्थमा अटैक को बढ़ावा दे सकते हैं.
वायु प्रदूषण: धुआं, ग्राउंड लेवल ओजोन, वाहनों से निकला धुआं और अन्य चीजें अस्थमा को बढ़ावा देती हैं. शहरी वातावरण में अस्थमा बढ़ने के पीछे वायु प्रदूषण मुख्य कारकों में से एक है
कॉकरोच: अध्ययनों से पता चला है कि जिन घरों में बच्चों के आसपास कॉकरोच के कण होते हैं, उनमें दूसरों की तुलना में बचपन में ही अस्थमा होने की संभावना अधिक होती है.
व्यायाम: कठिन एक्सरसाइज से अस्थमा से पीड़ित 80% लोगों में श्वास नली संकुचित हो सकती है. कुछ लोगों में अस्थमा के लक्षणों के लिए ये उत्तरदायी है. यदि आपको व्यायाम-प्रेरित अस्थमा है, तो आप इससे पहले पांच से आठ मिनट के भीतर सीने में जकड़न, खांसी और सांस लेने में कठिनाई महसूस करेंगे.
प्रिजर्वेटिव: खाद्य संरक्षक अस्थमा को बढ़ा सकते हैं. सल्फाइट एडिटिव्स, जैसे कि सोडियम बिस्ल्फाइट, पोटेशियम बिस्ल्फाइट, सोडियम मेटाबिसल्फ़ाइट, पोटेशियम मेटाबाइसल्फ़ाइट और सोडियम सल्फाइट, आमतौर पर खाद्य प्रसंस्करण में इस्तेमाल किए जाते हैं, ये अस्थमा को बढ़ा सकते हैं.